यूरोप में राष्ट्रवाद - अध्याय 1
वस्तुनिष्ठ प्रश्न ( MCQ )
(1) इटली एवं जर्मनी वर्तमान में किस महादेश के अंतर्गत आते हैं?
(क) उत्तरीअमेरिका
(ख) दक्षिणी अमेरिका
(ग) यूरोप
(घ) पश्चिमी एशिया
(2) फ्रांस में किस शासक वंश की पुनर्स्थापना वियना कांग्रेस द्वारा की गई थी?
(क) हैब्सबर्ग
(ख) ऑर्लिया वंश
(ग) बूर्बो वंश
(घ) जार शाही
(3) मेजिनी का संबंध किस संगठन से था?
(क) लाल सेना
(ख) कर्बोनरी
(ग) फिलिक हेटारिया
(घ) डायट
(4) इटली एवं जर्मनी के एकीकरण के विरुद्ध निम्न में कौन था?
(क) इंग्लैंड
(ख) रूस
(ग) ऑस्ट्रिया
(घ) प्रशा
(5) 'काउंट काबूर' को विक्टर इमैनुअल ने किस पद पर नियुक्त किया?
(क) सेनापति
(ख) फ्रांस में राजदूत
(ग) प्रधानमंत्री
(घ) गृहमंत्री
(6) गैरीबाल्डी पेशे से क्या था?
(क) सिपाही
(ख) किसान
(ग) जमींदार
(घ) नाविक
(7) जर्मन राइन राज्य का निर्माण किसने किया?
(क) लुई 18वां
(ख) नेपोलियन बोनापार्ट
(ग) नेपोलियन III
(घ) बिस्मार्क
(8) "जालवेरिन" एक संस्था थी?
(क) क्रांतिकारीयों की
(ख) व्यापारियों की
(ग) विद्वानों की
(घ) पादरी सामंतों की
(9) "रक्त एवं लौह" की नीति का अवलम्बन किसने किया था?
(क) मैजिनी
(ख) हिटलर
(ग) बिस्मार्क
(घ) विलियम - I
(10) फ्रैंकफर्ट की संधि कब हुई?
(क) 1864
(ख) 1866
(ग) 1870
(घ) 1871
(11) यूरोप वासियों के लिए किस देश का साहित्य एवं ज्ञान-विज्ञान प्रेरणास्रोत रहा?
(क) जर्मनी
(ख) यूनान
(ग) तुर्की
(घ) इंग्लैंड
(12) 1829 ई. की एड्रियानोपुल की संधि किस देश के साथ हुई?
(क) तुर्की
(ख) यूनान
(ग) हंगरी
(घ) पोलैंड
निम्नलिखित में रिक्त स्थानों को भरें :-
1. ________ के युद्ध में ही एक महाशक्ति के पतन पर दूसरी यूरोपीय महाशक्ति जर्मनी का जन्म हुआ।
उत्तर → सेडॉन
2. सेडोवा का युद्ध ______ और ______ के बीच हुआ था।
उतर → आस्ट्रिया, प्रशा
3. 1848 ई. की फ्रांसीसी क्रांति ने _______ युग का भी अंत कर दिया।
उतर → मेटरनिख
4. बेटिकन सिटी के राजमहल, जहाँ ______ रहते थे जो इटली के _______ से बचा रहा।
उतर → पोप, प्रभाव
5. यूनान को एक स्वतंत्र राष्ट्र घोषित करने के बाद बबेरिया के शासक ______ को वहाँ का राजा घोषित किया गया।
उतर → ओटो
6. हंगरी की राजधानी _______ है।
उतर → बुडापेस्ट
निम्नलिखित समूहों का मिलान करें :-
(i)
उत्तर →
1. मेजिनी → (ग) राजनीतिज्ञ
2. हीगेल → (क) दार्शनिक
3. बिस्मार्क → (घ) जर्मन चांसलर
4. विक्टर इमैनुअल → (ख) इटली
(ii)
उत्तर →
1. वियना सम्मेलन → (घ) 1815 ई.
2. मेटरनिख का पतन → (ग) 1848 ई.
3. इटली एकीकरण → (क) 1871 ई.
4. सेडॉन युद्ध → (ख) 1870 ई.
(iii)
उत्तर →
1. कोसथ → (ख) हंगरीयन राष्ट्रवादी नेता
2. एड्रियानोपल की संधि → (ग) 1829 ई.
3. यूनान की स्वतंत्रता → (घ) 1832 ई.
4. पोलैण्ड में आंदोलन → (क) 1863 ई.
अति लघु उत्तरीय प्रश्न :-
(1) राष्ट्रवाद क्या है?
उत्तर →राष्ट्रवाद एक ऐसी भावना है जो किसी भौगोलिक, सांस्कृतिक या सामाजिक परिवेश में रहने वाले लोगों में एकता का वाहक बनती है।
(2) मेजिनी कौन था?
उत्तर →मेजिनी इटली का एक साहित्यकार, गणतांत्रिक विचारों का समर्थक और योग्य सेनापति था।
(3) जर्मनी के एकीकरण की बाधाएँ क्या थीं?
उत्तर →जर्मनी एकीकरण की मुख्य बाधाएँ जर्मनी का 300 से अधिक राज्यों में बँटा रहना, कैथोलिक एवं प्रोटेस्टेंट धर्मावलम्बियों के बीच काफी मतभेद का होना तथा फ्रांस तथा ऑस्ट्रिया का जर्मनी में प्रभाव जैसी बाधाएँ मुख्य थीं।
(4) मेटरनिख युग क्या है?
उत्तर →ऑस्ट्रिया के चांसलर मेटरनिख के 1815 से 1848 ई. तक के काल को मेटरनिख युग कहते हैं। मेटरनिख निरंकुश राजतंत्र में विश्वास रखता था और क्रांति का घोर विरोधी था। वह क्रांति का कट्टर शत्रु तथा क्रांति-विरोधी भावनाओं का समर्थक था।
लघु उत्तरीय प्रश्न :
(1) 1848 के फ्रांसीसी क्रांति के क्या कारण थे?
उत्तर →1848 के फ्रांसीसी क्रांति के मुख्य कारणों में लुई फिलिप के प्रधानमंत्री गिज़ो का प्रतिक्रियावादी नीति, पूँजीपतियों को साथ लेना साथ ही विदेश नीति और सुधारामक कार्यों में असफलता 1848 के क्रांति के मुख्य कारण थे।
(2) इटली, जर्मनी के एकीकरण में ऑस्ट्रिया की भूमिका क्या थी?
उत्तर →इटली और जर्मनी के एकीकरण में मुख्य बाधक ऑस्ट्रिया था। ऑस्ट्रिया का चांसलर मेटरनिक अपनी प्रतिक्रियावादी नीति के तहत उस शांति संतुलन को स्थापित करना चाहता था जिसे नेपोलियन के युद्धों ने समाप्त कर दिया था। इसलिए उसने 1815 में इटली एवं जर्मनी में फिर से पुरानी व्यवस्था को स्थापित करने का प्रयास किया। लेकिन इसके प्रतिक्रिया स्वरूप इटली एवं जर्मनी में राष्ट्रवाद की भावना तेजी से फैली और इसकी अंतिम परिणति दोनों देशों के एकीकरण के रूप में सामने आई।
(3) यूरोप में राष्ट्रवाद के फैलाने में नेपोलियन बोनापार्ट किस प्रकार सहायक हुआ?
उत्तर →यूरोपीय राष्ट्रवाद को प्रोत्साहन में 1789 ई. की क्रांति के बाद नेपोलियन का ही योगदान महत्वपूर्ण रहा है। उसी ने इटली एवं जर्मनी को भौगोलिक नाम के परिधि से बाहर कर एक वास्तविक रूप रेखा दी। उसके इन कार्यों से इटली एवं जर्मनी के एकीकरण का मार्ग प्रशस्त हुआ। दूसरी तरफ उसकी नीतियों के कारण फ्रांसीसी प्रभुता और आधिपत्य के विरुद्ध यूरोप में देशभक्तिपूर्ण विक्षोप भी जगा। इस तरह नेपोलियन ने अप्रत्यक्ष रूप से ही सही लेकिन यूरोपीय राष्ट्रवाद को फैलाने में सहायक रहा था।
(4) गैरीबाल्डी के कार्यों की चर्चा करे?
उत्तर →गैरीबाल्डी इटली के एकीकरण का महान सैन्य नायक था। वह पेशे से नाविक और मेज़िनी के विचारों से प्रभावित था। उसने “रेड शर्ट्स” सेना बनाकर सिसिली और नेपल्स को मुक्त कराया और वहाँ गणतंत्र स्थापित किया। उसने बिना किसी स्वार्थ के जीते हुए प्रदेश विक्टर इमैनुएल को सौंप दिए। उसके साहस और त्याग ने इटली के एकीकरण को मजबूत आधार दिया।
(5) विलियम I के बगैर जर्मनी का एकीकरण बिस्मार्क के लिए असंभव था कैसे?
उत्तर →विलियम I एक राष्ट्रवादी शासक था। वह जर्मनी का एकीकरण प्रशा के नेतृत्व में चाहता था। इसके लिए उसने प्रशा को आर्थिक एवं सैनिक दृष्टि से मजबूत किया। फिर अपने प्रशासन में योग्य व्यक्तियों की नियुक्ति की। इसी क्रम में उसने बिस्मार्क जैसे योग्य और दूरदर्शी प्रधानमंत्री की नियुक्ति की। आगे बिस्मार्क ने जितनी लड़ाइयाँ लड़ी या संधियों की हर एक स्तर पर उसे विलियम I का सहयोग मिला। इस तरह हम कह सकते हैं कि विलियम I के बगैर जर्मनी का एकीकरण करना बिस्मार्क के लिए संभव नहीं होता।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न :
(1) इटली के एकीकरण में मेजनी काबुर और गैरीवाल्डी के योगदानों को बतावे?
उत्तर →इटली के एकीकरण में मेज़िनी, काबूर और गैरीबाल्डी के योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण थे।
मेज़िनी का योगदान → सबसे पहले मेज़िनी ने राष्ट्रीयता और गणतंत्रवाद की वैचारिक नींव रखी। उन्होंने ‘यंग इटली’ संगठन की स्थापना की और इटली के युवाओं में स्वतंत्रता, राष्ट्रवाद और एकता की भावना जगाई। मेज़िनी के लेखन और क्रांतिकारी विचारों ने इटली के लोगों को जागरूक किया और एक स्वतंत्र व एकीकृत राष्ट्र का सपना दिया। यद्यपि उनका लक्ष्य गणतंत्र की स्थापना था, फिर भी उनकी वैचारिक प्रेरणा ने पूरे आंदोलन को दिशा दी।
काबूर का योगदान →काबूर इटली के एकीकरण के वास्तविक राजनीतिक वास्तुकार माने जाते हैं। सार्डिनिया-पिएमोंटे के प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने कूटनीति, आर्थिक सुधार और अंतरराष्ट्रीय समझौतों का इस्तेमाल किया। उन्होंने क्रीमिया युद्ध में फ्रांस और ब्रिटेन का साथ देकर यूरोपीय शक्तियों का समर्थन प्राप्त किया। काबूर ने फ्रांस की मदद से ऑस्ट्रिया को कमजोर किया और उत्तरी इटली के बड़े हिस्से को मुक्त कराया।
गैरीबाल्डी का योगदान →गैरीबाल्डी एक कुशल सेनापति और ‘लाल शर्ट’ सेना के नेता थे। वे पेशे से नाविक थे पर बाद में एक महान योद्धा बने। उन्होंने अपने सैन्य अभियानों से सिसिली और नेपल्स पर विजय प्राप्त की और दक्षिणी इटली को एकीकृत कर दिया। 1862 में उनकी दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु के कारण वे पूर्ण एकीकरण नहीं देख सके, लेकिन उन्होंने इन विजयों को विक्टर इमैनुएल द्वितीय को सौंपकर राष्ट्रीय एकता को मजबूत किया।
(2) जर्मनी के एकीकरण में बिस्मार्क की भूमिका का वर्णन करें।
उत्तर →बिस्मार्क के सफल कूटनीतिज्ञ और योग्य प्रधानमंत्रीता जर्मन एकीकरण के लिए 'रक्त एवं लौह नीति' को अपनाया। तत्पश्चात प्रशा को सैनिक और आर्थिक दृष्टि से काफी सुदृढ़ बना दिया। बिस्मार्क ने जर्मन एकीकरण के क्रम में तीन लड़ाइयाँ लड़ी और तीनों में सफलता पाई।
डेनमार्क के साथ युद्ध → शेल्सविग और होल्सटीन को लेकर बिस्मार्क ने डेनमार्क के साथ युद्ध किया। लेकिन, युद्ध से पहले होल्सटीन ऑस्ट्रिया को देने का वादा कर उसे तटस्थ कर दिया। तत्पश्चात युद्ध में डेनमार्क को पराजित कर शेल्सविग पर कब्जा कर लिया।
ऑस्ट्रिया के साथ युद्ध →बिस्मार्क ने यद्यपि ऑस्ट्रिया को होल्सटीन सौंप दिया था। लेकिन, वहाँ रहने वाले जर्मनवासियों को ऑस्ट्रिया के खिलाफ भड़का दिया। इसी क्रम में उसने फ्रांस एवं इटली से एक संधि कर ली ताकि ऑस्ट्रिया युद्ध में अकेला पड़ जाए। तत्पश्चात 1866 ई. में सडोवा का युद्ध में ऑस्ट्रिया को पराजित कर होल्सटीन पर कब्जा कर लिया।
फ्रांस के साथ युद्ध → स्पेन के उत्तराधिकार को लेकर प्रशा और फ्रांस के बीच मतभेद काफी बढ़ गए थे। बिस्मार्क की नीतियों से चिढ़कर 1870 में फ्रांस ने प्रशा पर आक्रमण कर दिया। लेकिन सेडॉन के इस युद्ध में फ्रांस की बुरी तरह पराजय हुई और इसी के साथ बिस्मार्क ने जर्मन में एकीकरण को पूरा कर लिया।
(3) यूरोपीय राष्ट्रवाद के उदय के कारणों की चर्चा करें।
उत्तर →यूरोपीय राष्ट्रवाद के उदय में सबसे बड़ा योगदान 1789 की फ्रांसीसी राज्यक्रांति थी। इसी क्रम में नेपोलियन के आक्रमण और उन अनेक देशों पर उसके अधिकारों से भी राष्ट्रवाद के उदय में सहायता मिली। क्योंकि जर्मनी और इटली जैसी राष्ट्रों को नेपोलियन ने भौगोलिक परिधि से बाहर कर एक वास्तविक और राजनैतिक रूप दिया।
यूरोपीय राष्ट्रवाद के उदय में ऑस्ट्रिया के चांसलर मेटरनिख की प्रतिक्रियावादी नीतियों से भी महत्वपूर्ण सहायता मिली। 1815 के वियना सम्मेलन में मेटरनिख ने उसी व्यवस्था को पुनः स्थापित करने का प्रयास किया जिसे फ्रांस की राज्यक्रांति और नेपोलियन के युद्धों ने अस्त-व्यस्त कर दिया था। लेकिन, प्रतिक्रियावादी शासक भूल गए थे कि जनतंत्र और राष्ट्रवाद की नई शक्तियाँ राजनीति को निर्धारित करने वाले नए तत्वों के रूप में उभर रही थी।
1830 की जुलाई क्रांति और 1848 की क्रांति ने भी यूरोपीय राष्ट्रवाद के उदय में महत्वपूर्ण योगदान दिया। जहाँ चार्ल्स X उदार तत्वों को कुचलने का प्रयास किया। तो 1848 ई. में लुई फिलिप ने भुखमरी, बेरोजगारी, विदेश नीति सभी क्षेत्रों में असफल रहा। इस तरह इन शासकों की नीतियों ने यूरोप के अनेक देशों में राष्ट्रवाद की आग को भड़का दिया।
(4) जुलाई 1830 की क्रांति का विवरण दें?
उत्तर →जुलाई 1830 की क्रांति, फ्रांस में तब हुई जब राजा चार्ल्स दशम ने देश में कठोर राजसत्ता स्थापित करने की कोशिश की। उसने प्रेस की स्वतंत्रता समाप्त की, संसद को भंग कर दिया और चुनावों में आम नागरिकों के अधिकार कम कर दिए। इन दमनकारी कदमों से जनता, छात्रों, मजदूरों और मध्यमवर्ग में असंतोष बढ़ता गया।
26 से 29 जुलाई 1830 तक पेरिस में व्यापक विद्रोह हुआ, जिसे “तीन गौरवशाली दिन” कहा जाता है। विद्रोही जनता ने बैरिकेड बनाकर सेना का सामना किया और अंततः चार्ल्स दशम को गद्दी छोड़कर देश छोड़ना पड़ा।
क्रांति के बाद लुई फिलिप को “नागरिक राजा” के रूप में सत्ता दी गई, जिसने संवैधानिक शासन की दिशा को मजबूत किया।
जुलाई क्रांति का प्रभाव पूरे यूरोप में फैल गया और बेल्जियम, पोलैंड, इटली तथा जर्मनी में स्वतंत्रता, राष्ट्रवाद और संवैधानिक सुधारों की माँग को नई शक्ति मिली।
(1) राष्ट्रवाद क्या है?
उत्तर →राष्ट्रवा

1 Comments
sare notes easy way me explain kiya gya hai nice work
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